कहानी - गिन्नी आंटी
लेखिका - प्रेमलता यदु
चित्र : गूगल से साभार
लेखिका - प्रेमलता यदु की कहानी गिन्नी आंटी संवेदनाओं से भरी एक प्यारी कहानी है। जिसमें रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को जीने की कला सिखाई गई है। जीवन कभी ठहरता नहीं है, बस कुछ पल रूक कर फिर चल पड़ता है। यदि हम इसे ठहरा हुआ मान लेते हैं तो यह हमारी मूर्खता है। यह ठहराव हमें निराशा से भर देता है, तो बस पानी की तरह बहते जाइए और हर मोड़ पर चलते जाइए, आगे बढ़ते जाइए... कुछ इसी तरह का संदेश देती हैं, गिन्नी आंटी। इस कहानी का आनंद लीजिए, ऑडियो की मदद से...
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