सोमवार, 11 जुलाई 2022

हिंदी व्याकरण - अलंकार की कहानी


व्याकरण प्रदेश में अलंकार नाम का एक राजा राज्य करता था। उसके तीन पुत्र थे – शब्द, अर्थ और उभय। यथा नाम तथा गुण। शब्द और अर्थ में अपने नाम के अनुसार ही गुण समाए थे। दूसरी ओर उभय ने पिता के नाम से पहचान तो पाई लेकिन अपने खुद के कुछ विशेष गुण न होने के कारण उसने शब्द और अर्थ के गुणों को ही आत्मसात कर लिया। परिणाम यह हुआ कि उभयालंकार की कोई विशेष पहचान नहीं बन पाई। उभयालंकार अपने पुत्र और पुत्री संकर और संसृष्टि का साथ पाकर ही संतुष्ट रहने लगा।

आगे क्या हुआ? यह जानने के लिए ऑडियो की मदद लीजिए...



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