कवयित्री - रेखा चमोली
चित्र : गूगल से साभार
कविता
उन उदास दिनों में भी
उत्साहित करती है मुझे
जब गिर चुके होते हैं
पेड़ से सारे पत्ते
नंगे खड़े पेड़
नीचे धूप तापती धरती…
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