कविता - अक्स
चित्र : गूगल से साभार
उदास शाम की तरह
मन चला जा रहा है
एक सुनसान-सी
गीली पगडंडियों पर
पैरों को पत्तों की नमी
देती है तुम्हारे छुअन का अहसास
मन बावरा-सा गाता
बढ़ता चला जा रहा है...
इस अधूरी कविता को पूरा सुनने का आनंद लीजिए,
इस ऑडियो की मदद से...
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