बुधवार, 27 जुलाई 2022

कविता - एक नम सी रागिनी हूँ मैं

 
कवयित्री - भारती सिंह


चित्र : गूगल से साभार

तुम मुझे देखो तो एक बुत हूँ मैं

तुम मुझे छुओ तो एक अहसास हूँ मैं

तुम मुझे सोचो तो एक खयालात हूँ मैं

तुम मुझे छेड़ो तो  सुर हूँ मैं

साज पर रखो तो संगीत हूँ मैं

होठों तक लाओ तो सरगम हूँ मैं

अगर तुम मुझे गुनगुनाओ तो...


इस अधूरी कविता का पूरा आनंद लीजिए, 

ऑडियो की मदद से...

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