कविता - अपनी भाषा
चित्र : गूगल से साभार
उदास हुए हम
अपनी भाषा में
मुस्कराए, खिलखिलाए
अपनी भाषा में।
प्रेम पत्र लिखे
लिखी प्रेम कविताएँ
धड़कते रहे दिल
अपनी भाषा में।
उत्सवों मे रात भर
नाचती रही
हमारी भाषा...
इस अधूरी कविता को पूरा सुनने का आनंद लीजिए, ऑडियो की मदद से...
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