कविता - कैसे कैसे दिन दिखलाए
चित्र : गूगल से साभार
नई सदी के कड़वेपन ने
कैसे कैसे दिन दिखलाए
बचपन भूखा, यौवन सूखा
तंगहाल मरता है जीवन
देख बुढ़ापा काँपे काठी
हाय हाय करता है तन-मन
साँसो के इस उथलेपन ने
कैसे कैसे दिन दिखलाए
नई सदी के...
इस अधूरी कविता को पूरा सुनने का आनंद लीजिए ,
ऑडियो की मदद से...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें