हैलो दोस्तो,
बात करते हैं– फिल्मी गीतों के पीछे की कहानी के बारे में। हिंदी सिनेमा के मशहूर डायरेक्टर और प्रोड्यूसर जे. ओमप्रकाश की डेब्यू
फिल्म 'आप की कसम' के गीत आज भी लोगों की जुबां पर हैं। 1974 में रिलीज़ हुई इस फिल्म
में राजेश खन्ना, मुमताज और संजीव कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म का संगीत
आर.डी बर्मन ने दिया था। 'जय जय शिव शंकर', 'जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं जो मुकाम',
'करवटें बदलते रहे सारी रात' जैसे यादगार गीत इस फिल्म की पहचान बने। गीतकार आनंद बक्शी
के इन गीतों को किशोर दा और लता दीदी ने अपनी आवाज दी।
महाशिवरात्रि का पर्व हो
और सुपरटहिट सॉन्ग ‘जय जय शिव शंकर’ (Jai Jai Shiv Shankar) का शोर न हो, तो पर्व अधूरा
सा लगता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिल्म का सबसे पसंद किया जाने वाला ये
गाना पहले ऐसा नहीं होने वाला था। पंचम दा यानी कि आर डी बर्मन ने गाने के लिए कोई
और ही धुन तैयार की थी, लेकिन जब उन्होंने राजेश खन्ना को अपने ही अंदाज में गाने को
गुनगुनाते हुए देखा तो उनको वह धुन काफी पसंद आई। इसके बाद उन्होंने काका के अंदाज
में ही फिल्म के गाने को शूट किया था। पूरी मस्ती के साथ मुमताज और राजेश खन्ना ने
इस गीत को फिल्माया है।
इस गीत से जुड़ा हुआ एक और
किस्सा मैं आपको बताती हूँ –
किशोर कुमार के किस्सों
में शरारतें शामिल न हों, तो वो शरारतें ही अपनी पहचान खोने लगती हैं। जय जय शिव शंकर
गीत जिसे सुनकर आज भी लोग झूमने से नहीं रूकते, इस गाने में भी कुछ ऐसा हुआ जिसको सुनने
के बाद आपके चेहरे पर भी मुस्कान आ जाएगी.
दरअसल, इस गीत को संगीतकार आरडी बर्मन बेहद खास बनाना
चाहते थे. इसके लिए उन्हें किशोर दा और लता जी के साथ कोरस गाने वाले कई गायको की जरूरत
थी. अब कोरस गायकों को लाने के साथ ही गाने का बजट बढ़ते-बढ़ते 50 हजार पहुंच गया,
जो फिल्म के डायरेक्टर जे ओमप्रकाश को बहुत ज्यादा लग रहा था.
अक्सर शूटिंग के दौरान जे. ओमप्रकाश बड़बड़ाया करते थे
‘पचास हजार खर्च करा दिए.’ हर बात में उनका यूं बड़बड़ाना किशोर और पंचम दा को खूब
खटकता था. गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान दोनों बंगाली बाबू यानी कि किशोर और पंचम दा
ने पचास हजार रुपए वाली बात को गाने के अंत में इस तरह से डाला कि लोगों को पता भी
न चल और मजा भी आ जाए।
गीत के आखिर में जोर-जोर से ढोल नगाड़ों और तेज संगीत के
बीच किशोर दा कहते हैं ‘बजाओ रे बजाओ ईमानदारी से बजाओ’. इसी के तुरंत बाद उन्होंने
जे. ओमप्रकाश का वो बड़बड़ाना भी जोड़ दिया कि ‘पचास हजार खर्च करा दिए’. रिकॉर्डिंग के
बाद जब फिल्म की पूरी यूनिट के सामने इस गाने को बजाया गया तो किशोर दा की इस हरकत
ने सभी लोगों को हैरान कर दिया. लेकिन जे. ओमप्रकाश की सदाशयता ही कहिए कि इसे गीत
से हटाया नहीं गया और इस तरह से ये वाक्या भी गीत के साथ-साथ अमर हो गया।
आप की कसम फिल्म की कहानी
और सुपर हीट गीतों के कारण जे ओमप्रकाश अपनी पहली फिल्म से हिट साबित हो गए थे। बॉलीवुड
में साउथ की फिल्मों के रीमेक पहले से ही बनाए जाते रहे हैं। आप की कसम फिल्म भी मलयालम
फिल्म ‘वाझवे मय्यम’ जो कि (1970) में रीलीज हुई थी, उसी फिल्म का रीमेक
थी। हालाँकि एस. सेतुमाधवन की फिल्म वाझवे मय्यम से 'आप की कसम' फिल्म का अंत अलग रखा
गया था।
दोस्तों, गीतकारी में ऐसे ही गीतों की कड़ियाँ जुड़ती चली जाएँगी और हम जानेंगे
गीतों के पीछे की कहानी। तो अगली बार फिर एक नए गीत के साथ मुलाकात होगी। आपकी दोस्त
भारती परिमल
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